जीवन व समाज की विद्रुपताओं, विडंबनाओं और विरोधाभासों पर तीखी नजर । यही तीखी नजर हास्य-व्यंग्य रचनाओं के रूप में परिणत हो जाती है । यथा नाम तथा काम की कोशिश की गई है । ये रचनाएं गुदगुदाएंगी भी और मर्म पर चोट कर बहुत कुछ सोचने के लिए विवश भी करेंगी ।

हास्य-व्यंग्य


3 टिप्‍पणियां:

  1. नाम वही, काम वही लेकिन हमारा पता बदल गया है। आदरणीय ब्लॉगर आपका ब्लॉग हमारी ब्लॉग डायरेक्ट्री में सूचीबद्व है। यदि आपने अपने ब्लॉग पर iBlogger का सूची प्रदर्शक लगाया हुआ है कृपया उसे यहां दिए गये लिंक पर जाकर नया कोड लगा लें ताकि आप हमारे साथ जुड़ें रहे।
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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति
    आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!

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