पड़ोसी ने आते ही मुझे कुरेदा, जैसे ऊपर से ठंडी पड़ चुकी राख को कुरेद रहा
हो । वैसे भी यह पड़ोसी का धर्म होता है कि वह इधर-उधर सतत चिंगारी की तलाश में
मशगूल रहे । मुँह मेरे कान के पास लाकर फुसफुसाया-अमां यार, जीवन में मर्दों वाली
कुछ बात भी रही या फिर यूँ ही जिन्दगी तमाम होती रही ? मैंने भी उसे निराश नहीं किया । तपाक
से बोला-शादी कर चुका हूँ और अभी तक उसी से निभा रहा हूँ । यह क्या मर्दों वाली
बात नहीं है ?
शादी करके गधा बन जाना भी कोई मर्दों वाली बात है ! मेरा मतलब था...कभी किसी साँड से
सींगजोरी किया है ? घोड़े की दुलत्ती खाकर भी कभी ठहाका
लगाया है ? या फिर किसी
को छेड़ा हो और पिटते-पिटते रह गए हो ?
मैंने ऐसा कुछ नहीं किया-मेरे मुँह से यह बात
निकलने की देर थी कि वह झपट पड़ा । जोश में आते हुए बोला-तो फिर किया क्या ? मर्द होकर भी जीवन की दीवार को सादा पन्ना बना दिया । कोई इबारत तो लिखते उसपर
।
मैं कुछ समझा नहीं-कहने की कोशिश करनी चाही मैंने, किन्तु वह पहले ही बोल
पड़ा-पर मैं समझ गया । तुम जैसे लोगों से प्रेरणा लेकर ही हमने
वह कर दिया, जो कोई नहीं कर सका आजतक । एकदम मौलिक शोध...मर्द के किस्म पर अनुसंधान !
चार
किस्म के मर्द होते हैं आजकल । पहले किस्म के मर्द में नारी-ही-नारी होती है । उसे
अपना अस्तित्व माँ का वरदान प्रतीत होता है । वह किसी को छेड़कर इस वरदान का अपमान
नहीं कर सकता, क्योंकि...उठी थी नजर उसकी जानिब मगर, अपनी बेटी की याद आ गई
।
दूसरे किस्म के मर्द में नारी का
अंश अति सीमित होता है । वीर-भोग्या-वसुंधरा
उसका आदर्श-सूत्र होता है । वह नारी सहित हर चीज को इसी नजरिए
से देखता है ।
तो क्या उसका वीरत्व-बोध उसे गुंडत्व-प्रदर्शन के लिए ललकारता है
? मैंने उसे रोकने की कोशिश की । वीरत्व-बोध में ऐसे प्रदर्शन स्वत: हो जाते हैं, ऐसा कहते हुए उसने बात आगे बढ़ाई-तीसरे किस्म के मर्द में
नारी का अंश सीमित होता है । वैसे तो ये सामान्य होते हैं, किन्तु मौका मिलते ही
असामान्य हो उठते हैं । वीरत्व पर पड़ी राख हट जाती है और नंगत्व मैदान में आ जाता
है ।
चौथे किस्म के लोग खतरनाक तो नहीं होते,
किन्तु जबर्दस्त प्रदूषणकारक होते हैं । मर्द होकर भी इन्हें अपने मर्द होने पर शक
रहता है । ये बरसाती कंडे की तरह सदैव धुंआ फेकते रहते हैं । पराई नारी के गुडबुक
में बने रहने की लालसा इनमें प्रबल होती है ।
मर्द तो वही होता है, जो खुद पर वीरत्व का
प्रदर्शन करता है-ऐसा मैंने कहना चाहा, पर पड़ोसी जा चुका था ।
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