जीवन व समाज की विद्रुपताओं, विडंबनाओं और विरोधाभासों पर तीखी नजर । यही तीखी नजर हास्य-व्यंग्य रचनाओं के रूप में परिणत हो जाती है । यथा नाम तथा काम की कोशिश की गई है । ये रचनाएं गुदगुदाएंगी भी और मर्म पर चोट कर बहुत कुछ सोचने के लिए विवश भी करेंगी ।

शनिवार, 1 जुलाई 2017

उसको टॉपर ही बनना है

साभार-hazrat-ji-md-shakeel-bin-hanif

एक गधा जिद कर बैठा


जीवन में कुछ करना है,


जो भी हो, उपाय करो


उसको टॉपर ही बनना है ।



मैंने उसको लाख मनाया


बाप बन उसको समझाया,


वह कानों पर हाथ रख बोला


उसको टॉपर ही बनना है ।



साभार-indiatimes.com



बेटा देख कठिन डगर है


लाखों इसमें अगर-मगर है,


अगर है ऐसा, तो फिर पक्का


उसको टॉपर ही बनना है ।




पुस्तक का तो बड़ा महत्व है


इंटरनेट भी नया तत्व है,


हाथों में मोबाइल लेकर


उसको टॉपर ही बनना है ।



साभार-indiatimes.com



दिन भर मेहनत का अफसाना


रातों को भी चैन न पाना,


भले आँख में रात कटे


उसको टॉपर ही बनना है ।




नहीं गधों का पढ़ना काम


समझो फिर शिक्षा तमाम,


शिक्षा से क्या लेना-देना


 उसको टॉपर ही बनना है ।

साभार-bhootworld.com



मैंने पूछा-टॉपर देखा है


झट वह बोला-पूरा लेखा है,


नहीं कभी वे फेल हुए


उसको टॉपर ही बनना है ।




तू नहीं समझता तिकड़म सारी


गधों को मिलती अक्सर गारी,


यही नियति है, हरदम देखा


उसको टॉपर ही बनना है ।




मैंने कहा-तू जेल जाएगा

साभार-amarujala.com

वापस कभी न घर आएगा,


ऐसे जेलों की ढेंचू-ढेंचू


उसको टॉपर ही बनना है ।




तब गधे को गुस्सा आया


रौद्र अपना वह रूप दिखाया,


जल मरें चाहे जलने वाले


 उसको टॉपर ही बनना है ।

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