जीवन व समाज की विद्रुपताओं, विडंबनाओं और विरोधाभासों पर तीखी नजर । यही तीखी नजर हास्य-व्यंग्य रचनाओं के रूप में परिणत हो जाती है । यथा नाम तथा काम की कोशिश की गई है । ये रचनाएं गुदगुदाएंगी भी और मर्म पर चोट कर बहुत कुछ सोचने के लिए विवश भी करेंगी ।

रविवार, 31 जनवरी 2016

खबरी खरगोश हाजिर है...

 
        
          लेकर खबरों की खबर !

बुंदेलखंड पर भी दो बूँद आँसू बहा दीजिए मोदी जी—राहुल गाँधी की अपील ।

राहुल बाबा, आप नहीं जानते...आपने क्या कह दिया है । प्लीज, यह अपील सभी नेताओं से कीजिए । सभी एकसाथ आँसू बहाएंगे, तो बुंदेलखंड का सूखा खत्म होने में कितनी देर लगेगी ।
अब मजदूरों को भी मिड-डे-मील प्रदान करेगी उत्तम प्रदेश की सरकार ।
यह खबर सुनकर कीड़े-मकोड़े, छिपकलियां और तिलचट्टे खुशी से झूम उठे हैं । मिड-डे-मील के लिए एक ही जगह यानी स्कूल जाते-जाते ये ऊब गए थे । अब कहीं और सैर-सपाटे का आनंद प्राप्त होगा ।
अब शिकायतें दौड़ेंगी, शिकायतकर्ता को नहीं दौड़ना होगा-एक सरकार की कोशिश ।
शिकायतकर्ताओं के दिन अब सचमुच लौटने वाले हैं । उन्हें मेहनत के नाम पर सिर्फ अपने तलवे में तेल लगाकर बैठना है । इलाके में बारिश नहीं हो रही है, इसकी शिकायत ऑनलाइन करनी है और टकटकी लगाए कम्प्यूटर को देखना है । आप की शिकायत का स्टेटस आपको पता चलता रहेगा । अंत में कम्प्यूटर-स्क्रीन पर संदेश कुछ इस तरह होगा-आप की शिकायत फाइनली बादलों तक पहुँचा दी गई है । बादल हमारे डिपार्टमेन्ट के अन्तर्गत नहीं आते, अत: हम असमर्थ हैं । शिकायत करने के लिए धन्यवाद !
एक राज्य की सरकार का दावा है कि गत वर्ष मरने वाले किसानों की संख्या बहुत कम यानि एक हजार के लगभग रही है ।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार झूठ बोल रही है । इतनी व्यवस्था के बाद इतने कम किसान ही कैसे मर सकते हैं ! पर विपक्ष भी तो झूठ बोल रहा है । उसे क्या नहीं पता कि किसान दो किस्म के होते हैं । एक, हाड़-माँस वाले ; दूसरे, सरकारी दस्तावेज वाले । सरकार है, तो सरकारी दस्तावेज से ही काम चलाएगी ना !
पिछले चुनाव में जनता ने वोट मेरे नाम पर दिया था-नेताजी का बयान ।
पर नेताजी आप यह बताना क्यों भूल गए कि अगले चुनाव में जनता किसके नाम पर वोट देगी । सरकार ने तो इतना काम किया है कि अखबारों के पन्ने कम पड़ जा रहे हैं । विकास-ही-विकास है चारों तरफ । राजनीति में भी राजनीति, जाति की राजनीति...आप सेक्यूलरवाद के तो इतने बड़े झंडाबरदार हैं कि इस धर्म को लतियाते रहे और उस धर्म से बतियाते रहे । आप ही बता दें वोट कैसे...
एक नेता ने अपना कुर्ता फाड़कर अपने नेताजी की तस्वीर दिखाई ( अंदर टी-शर्ट पर नेताजी की तस्वीर बनी थी । )
श्री हनुमान ने कभी छाती फाड़कर अपने आराध्य की तस्वीर दिखाई होगी, पर कुर्ता फाड़कर अपने नेता की तस्वीर दिखाना आज का स्टाइल है । उस वक्त भक्तिभाव मन में धारण करना होता था, अब बस टी-शर्ट शरीर पर धारण करना होता है । छाती फाड़ने का इनाम श्री हनुमान को पता नहीं मिला कि नहीं, पर इस भक्त को तत्काल मिल जाएगा । आज का आराध्य ऐसे ही भक्तों को खोजता है ।
दुनिया के पचास दौलतमंदों की सूची में तीन भारतीयों ने जगह बनाई ।


भारतीयों के लिए यह जश्न की घड़ी है । इतनी विशाल गरीबी की प्रशांतमहासागरीय जलराशि के बीच ये एकाध अमीरी के टापू...फख्र करना तो बनता है । तभी तो सारी मीडिया इस खबर को उछाल-उछालकर उछल रही है । 

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